Friday, July 8, 2011

****प्रित की रीत****

जैसा भी है, हमदम हमारा है 
उसे मेरा मुझे उसका सहारा है 
 
क्या शिक्वे क्या गिले 
हमे तो सब गवारा है 
 
ना हमने कुछ कहा तो क्या?
वो समझे हर ईशारा है 

नही खुदा के वास्ते कुछ भी     
कि दिल मे उसको उतारा है

प्रित की रीत है कैसी   
ना मै जिती ना हमदम ही हारा है 

पूजा तोमर 

Friday, February 4, 2011


****मै और मेरा इश्क़****

मै हूं इश्क़ की मारी,
लोग तमाम कहते है

मेरे दिल पर लिखा है,
तेरा नाम कहते है 

कैसे मानो बेवफ़ा है तू ,
पर लोग सरेआम कहते है 

मेरे जनाजे पर तू आ जाना,
हो गया मेरा इन्तज़ाम कहते है 

मैने इश्क़ करके करली 
ज़िन्दगी हराम कहते है 

पूजा तोमर 



Sunday, January 16, 2011

***रात की बात****
 
दिल हल्का हो जाये  सोचकर रात भर 
आंखो को अश्को से भीगोते रहे 

हम राह तकते रहे बेचैन होकर और 
वो गैरो की तरह चैन से सोते रहे  
 
यु तो कहने के लिये हम साथ थे, 
मगर दिल से जुदा होते रहे 

उसने कहा भूल जाना मुझे मगर 
हम है कि ज़ख्म यादो के टटोते रहे  

ख्वाब भी सच हो जाते है, 
यही सोचकर ख्वाब मोहब्बत के संजोते रहे 

कुछ पा लेंगे हम भी ज़िन्दगी मे 
इसी आस मे अपना सब कुछ  खोते रहे 

पूजा तोमर