***रात की बात****
दिल हल्का हो जाये सोचकर रात भर
आंखो को अश्को से भीगोते रहे
हम राह तकते रहे बेचैन होकर और
वो गैरो की तरह चैन से सोते रहे
यु तो कहने के लिये हम साथ थे,
मगर दिल से जुदा होते रहे
उसने कहा भूल जाना मुझे मगर
हम है कि ज़ख्म यादो के टटोते रहे
ख्वाब भी सच हो जाते है,
यही सोचकर ख्वाब मोहब्बत के संजोते रहे
कुछ पा लेंगे हम भी ज़िन्दगी मे
इसी आस मे अपना सब कुछ खोते रहे
पूजा तोमर