Friday, July 8, 2011

****प्रित की रीत****

जैसा भी है, हमदम हमारा है 
उसे मेरा मुझे उसका सहारा है 
 
क्या शिक्वे क्या गिले 
हमे तो सब गवारा है 
 
ना हमने कुछ कहा तो क्या?
वो समझे हर ईशारा है 

नही खुदा के वास्ते कुछ भी     
कि दिल मे उसको उतारा है

प्रित की रीत है कैसी   
ना मै जिती ना हमदम ही हारा है 

पूजा तोमर 

1 comment:

  1. प्रित की रीत है कैसी
    ना मै जिती ना हमदम ही हारा है

    बहुत खूब प्रेम में ऐसा ही होता है

    पूजा जी नमस्कार,
    बहुत दिन बाद आये हो, तबियत तो ठीक थी

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