####हिसाब-किताब#####
मुझको ऐसी मिली नौकरी
जिसमे करना था हिसाब-किताब
इस लिखा पडी की दुनिया मे
मै थी अभी नई-नई
हिसाब को समझने के लिये
हाथ मे मैने पकडी किताब
नाम भी मेरा पूजा है
और काम ही मेरी पूजा है
सब ढंग से करना है तुमको
समझा कर चला गया साहब
किसी का लेना
किसी का देना
दिन भर सुनना और सुनना
देना झूठे-झूठे जबाब
लेने का था हिसाब गहरा
और देने का जख्म भी गहरा
खुद चलना औरो को चलना
करदे सार भेजा खराब
अपनो को भी दुश्मन बनाये
बडो-बडो से हेरा-फेरी कराये
घपले बडे-बडे कराये
भाड मे जाये ऐसा हिसाब-किताब
मुझको ऐसी मिली नौकरी
जिसमे करना था हिसाब-किताब
हिसाब-किताब तो जीवन भर चलता रहेगा.....पूजा जी !!
ReplyDeleteबिल्कुल सही कहा आपने पर ये हिसाब-किताब इंसान को कभी कभी दोस्त से दुश्मन भी बना देता है इसलिए सोच समझकर करना चाहिए
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