****कौशिश****
जो दर्द देते थे हमको
वो दिल से बाहर हो बैठे
अपना समझकर हम,
गैरो के लिये रो बैठे
उनका साथ देने मे,
अपनो को भी खो बैठे
उनको बचाने की कौशिश मे,
खुद को ही डूबो बैठे
उनके होने की आरजू मे,
खुद से भी हाथ धो बैठे
पूजा तोमर
"जिस चेहरे को देखकर जीने के तमन्ना जागे उस चेहरे की तलाश है" मैने अपनी भावनायो को मिलाकर कुछ शब्द लिखे है जिन्हे मै सबके साथ बाटना चाहती हूं आप इसे कुछ भी समझ लीजिये गज़ल कविता या फिर शब्दो की माला ज़िन्दगी के भी कई चेहरे होते है और लोगो के भी,शायद मैने कुछ चेहरो को शब्दो मे उतारा है यही है मेरा ब्लाग