****मरहम****
तुम अपनी वफ़ा की नही, हम पर किये सितम की
बात करो
जो दिल मे निशां छोड गये उन कदम की
बात करो
जिसने हमको तुमसे दूर किया जरा उस नये सनम की
बात करो
मेरे जख्मो की गहराई तो देखो फिर किसी मरहम की
बात करो
बात करो
जो दिल मे निशां छोड गये उन कदम की
बात करो
जिसने हमको तुमसे दूर किया जरा उस नये सनम की
बात करो
मेरे जख्मो की गहराई तो देखो फिर किसी मरहम की
बात करो
एक वही मतलब निकलता है, तुम करम या सितम
की बात करो
पूजा तोमर
bahut achchhe
ReplyDeletedil ki baat dil hi jane vo kya jane jo pyar karna na jane .....shabd aur unka milan bahut khub dil tak jaate hai aapki kalam se mrham bahut bahut khub pooja ji
ReplyDeletebahut bahut sukriya pawan ji
ReplyDeleteपूजा....बहुत खूब... कलम में हौसला लगता है... यूँ ही कहती रहो..
ReplyDeletethanks
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