****सुबह-शाम****
मेरी कहानी अजीब है, खुद ही अपनी जंग मे तमाम
होती रही
सब रिशते टूट गए मगर फिर भी नजरो से दुआ सलाम
होती रही
लगा कोई जानता नही, पर मेरी मोहब्बत सारे आम
होती रही
उसकी अदा के जलवे तो देखो, सांसे भी उसकी गुलाम
होती रही
वो तो चला गया पर उसकी यादो मे सुबह-शाम
होती रही
पूजा तोमर
उसकी अदा के जलवे तो देखो, सांसे भी उसकी गुलाम होती रही
ReplyDeleteभई वाह
दुआ सलाम होती रहे तो अच्छा
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
बहुत पसन्द आया
ReplyDeleteहमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
बहुत देर से पहुँच पाया........माफी चाहता हूँ..