कब थी मै तुझसे जुदा
रही तेरे साथ सदा
जमी तो कभी आसमा बनकर
जब भी आंखे तेरी नम हुई
पल मे सूखा गई उनको
प्यार का नगमा बनकर
जब देखा तुझे अन्धेरे मे
आग लगा दी खुद के बसरे मे
रोशन कर गई तूझे शमा बनकर
कभी जब तूझे गमो ने घेरा
सजदे मे झुक गया सर मेरा
गम दूर किया खुशी का समा बनकर
पूजा तोमर
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