Saturday, September 18, 2010

****मेरा रिश्ता****


जिस घर मे हम रहते है, 
वहा होता नही सवेरा, 

आंखे है इन्तज़ार से भरी हर पल,
और दिल मे है एक अनजाने डर का डेरा,

ये मेरा बहम भी हो सकता है,
या फिर दिलबर का आखिरी फैरा,

यु तो बहुत आते है ख्याल दिल में,
पर कोई  ख्वाब नही करता बसेरा,

क्या कहूं किस से है मेरा रिश्ता,
ना मेरा कोई अपना ना पराया कोई मेरा,


पूजा तोमर

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