Saturday, September 11, 2010

****राज़े मोहब्बत*****




कैसे छिपाये राज़े मोहब्बत 
तन्हाई ने 
सब देखा है 

जिसमे हम रोये रात भर 
उस रजाई ने 
सब देखा है  

हालत ए दिल मेरा मेरी  परछाई  ने  
सब  देखा है

जहां सजदे किये थे
उस खुदाई ने 
सब देखा है

नाम लिखा था तेरा उस कटी 
कलाई ने 
सब देखा है
  
पल 
 भर 
के मिलन और 
सदियो 
की
 जुदाई ने 
सब देखा है

कैसे छिपाये  दुनिया हरजाई 
ने 
सब देखा है
 


पूजा तोमर

3 comments:

  1. 'पल भर के मिलन और सदियो की जुदाई ने
    सब देखा है'
    yehi hai saarthak prem....
    bahut kam main sab likh diya....

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