Thursday, November 18, 2010

****तेरी अदाए****

दोनो का पलडा एक सा है 
तेरे सितम और मेरी वफ़ाए

फिर भी मेरे मासूम कातिल
तूझे करती है प्यार मेरी दुआए 

इश्क़ तो आंखो से बया हो जाता है 
होठो से फिर चाहे लाख छिपाए  

सच का पता है झूठ की खबर है 
कह देती है सब तेरी अदाए

सब है तेरे पहलू मे जालिम  
किस को दिल का हाल सुनाए

तूने तो  लौटकर आना नही है 
हम क्यो अपना वक़्त गवाए 
पूजा तोमर 

6 comments:

  1. सच का पता है झूठ की खबर है
    कह देती है सब तेरी अदाए

    वाह वाह बहुत खुब

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  2. उफ़,गज़ब है गज़ब

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  3. वाह...वाह...वाह...

    बहुत सुन्दर !!!

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  4. deepak ji sukriya bahut bahut sukriya aap bhi likhate hai kya

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  5. ranjana ji aapne yaha aakar mujhe pada aur aapna comment diya aapka dil se bahut bahut sukriya

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