Tuesday, November 23, 2010

````नज़र````

मत और कुछ दे मुझे मेरे यार बस,
दे दे प्यार की मेरी दुनियाँ संवर जाए,

मै तेरी हूं तू बस मान ले इतना,
कि मेरी चाहत भी निखर जाए,

आज की ये रात सुहानी है बडी,
चांदनी रात मे सितारो पर नज़र जाए,

अब तो अपना ले मुझे कि तेरे नाम की,
बदनामी लेकर दिवानी किधर जाए,

कुछ भी देख लू जालिम लौटकर,
एक तेरे चहरे पर ही नज़र जाए,

मेरी वफ़ा को आज़मा के देख ले,
कि मोहब्बत का कर्ज़ उतर जाए,

तेरी यादो के मोती है आंखो मे मेरी,
साथ इनके दिवानी भी ना बिखर जाए,

अब तो तू देर न कर कुछ सोचने मे,
कि ज़िन्दगी इन्तज़ार मे न गुजर जाए,

तू मेरा हो जा या मुझे कर ले अपना,
इनमे से कोई एक बात ही ठहर जाए...!

पूजा तोमर

6 comments:

  1. मेरी वफ़ा को आज़मा के देख ले,
    कि मोहब्बत का कर्ज़ उतर जाए,

    तेरी यादो के मोती है आंखो मे मेरी,
    साथ इनके दिवानी भी ना बिखर जाए,

    अब तो तू देर न कर कुछ सोचने मे,
    कि ज़िन्दगी इन्तज़ार मे न गुजर जाए

    Waah waah, bahut sundar.

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  2. मेरी वफ़ा को आज़मा के देख ले,
    कि मोहब्बत का कर्ज़ उतर जाए,

    इससे सुन्दर भाव और क्या होंगे

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  3. thanks deepak ji ki aapne comment kiya aur mujhe samjha

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  4. तेरी यादो के मोती है आंखो मे मेरी,
    साथ इनके दिवानी भी ना बिखर जाए,

    her shabd apni kahani khud bayan ker raha hai ...nice one

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  5. HAR BAAR BEBAS KIYA HAI TUNE MUJHE...
    KAISI ASHIQUI HAI.........

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