जीवन के सफ़र मे
बहुत कुछ देखा है मैंने..........
जो चेहरे आपकी पहचान होते है,
उन्ही चेहरों का भाव तेजी से बदलते देखा है मैंने..........
जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था,
उसी विश्वास को हर बार टूटते देखा है मैंने...........
जो मेरे साथ रहता था ,
उसे ही हर पल खुद से बिछुड़ते देखा है मैंने..........
जिसे मुझसे प्यार बेशुमार था,
उसी प्यार का स्थान झूठी सहानभूति को लेते देखा है मैंने..........
जिसे दिल से अपना माना था,
उसी को को खुद से छुटते देखा है मैंने..........
वो मुझसे दूर हो गया,
फिर भी हर जगह उसको ही देखा है मैंने..........
अपने जीवन के सफ़र मे,
बहुत कुछ देखा है मैंने..........
पूजा तोमर
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