आंधी
तेरी यादो की आंधी आई.......
हमने सोचा था वो अकेले ही होगी,
लेकिन वो साथ अपने,
कभी तिनके, कभी पत्ते कभी तेरी खुशबू लायी..........
न जाने कैसा वो मिलना था,
कैसा बिछड़ना था,
की तेरी आंधी भी कभी नहीं तनहा आई..........
झुकती डाल को सबने झुकाया है,
मगर उसके झुकने का कारण,
दुनिया न समझ पाई..........
तेरा मिलना एक पल का था,
अब बिछड़ना सदियों जैसा,
मुझसे लिपटकर अब उमरभर रोएगी,
मेरी तन्हाई.........
अजब कलाकार था वो भी यारो,
हमेशा आँखे चुराता था मुझसे,
दिल मे क्या है उसके,
आँखों से न मे देख पाई..........
कोई माने या ना माने,
उसकी ही रौशनी है मुझमे,
जो है समायी..............
तेरे जाने के बाद,
तेरी यादो की आंधी आई.......
पूजा तोमर
pooja your poem is very sweet.........ye saari poem tumne khud likhi hai ya stolen by other
ReplyDeletei also like sayari or poem ...or i also write some poem on love
ReplyDeleteतेरा मिलना एक पल का था,
ReplyDeleteअब बिछड़ना सदियों जैसा,
मुझसे लिपटकर अब उमरभर रोएगी,
मेरी तन्हाई........क्या खूब कविता करती है आप.
आपका बहुत बहुत धन्यवाद
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