अश्क
तेरी आने वाली ख़ुशी का रहबर हू मै........
गिरके तुझसे जुदा नहीं हो सकता,
तेरे दिल के अन्दर हू मै........
कहाँ जायूँगा तुझसे जुदा होकर,
जो तेरे साथ रहेगा मरते दम तक वो उमर हू मै........
मुझे कुछ गलत न समझना,
तुझमे बसी यादो का झूमर हू मै........
तेरे नाराजगी, तेरे होठों की हंसी,
तेरे सुख, तेरे दुःख का हमसफ़र हू मै........
जिसको देखती ही तू सब भूल गए थी,
वो एक नज़र हू मै........
मेरे आंख से गिरते हुए अश्क ने कहा,
तेरी आने वाली ख़ुशी का रहबर हू मै........
पूजा तोमर
beautiful....so nice...जो तेरे साथ रहेगा मरते दम तक वो उमर हू मै........
ReplyDeletevery touching.....
पूजा जी,
ReplyDeleteबहुत खूब लिखी "अश्क" की दास्ताँ...
मेरे आंख से गिरते हुए अश्क ने कहा,
तेरी आने वाली ख़ुशी का रहबर हू मै.
आपके लिए प्रस्तुत है गौर फरमाइयेगा !
जन्नत के रास्ते उन के लिए ही खुलेगे,
किसी दुखी दिल पर मर्हाम लगा कर देखो,
तुम्हे हर खुशियाँ उस जहाँ की मिलेगी,
खुदा की महफिल में आ कर तो देखो..!
aap dono ka bahut bahut dhanyabad
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