Wednesday, October 20, 2010




****सुबह-शाम**** 

मेरी कहानी अजीब है, खुद ही अपनी जंग मे तमाम
होती रही 

सब रिशते टूट गए मगर फिर भी  नजरो से दुआ सलाम 
होती रही   

लगा कोई जानता  नही, पर मेरी मोहब्बत सारे आम 
होती रही 

उसकी अदा के जलवे तो देखो, सांसे भी उसकी गुलाम 
होती रही 

वो तो चला गया पर उसकी यादो मे सुबह-शाम 
होती रही 

पूजा तोमर 

3 comments:

  1. उसकी अदा के जलवे तो देखो, सांसे भी उसकी गुलाम होती रही

    भई वाह

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  2. दुआ सलाम होती रहे तो अच्छा
    बहुत सुन्दर

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  3. बहुत पसन्द आया
    हमें भी पढवाने के लिये हार्दिक धन्यवाद
    बहुत देर से पहुँच पाया........माफी चाहता हूँ..

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