Saturday, October 23, 2010

****तमाशा****

आंखो ने ना देखी एक रात भी करार की 
क्या कहानी सुनाये हम तेरे इन्तज़ार की

हर शय प्यासी है तेरे एक दीदार की 
जन्नत से कम नही गली मेरे यार की 

मेरी ज़िन्दगी का तमाशा ही बन गया 
हद ना रही कोई मेरे एतबार की

तडपे है  माहिया हम बे आब की तरह 
हालत ना पूछ मुझसे दिले बेकरार की 

फ़ुर्सत मिले ज़माने से तो कर लेना गौर
दिल मे तेरे अवाज़ है बस मेरी पुकार की 

कोई नही यहां "पूजा" कदरदान दिल का 
कीमत लागाई जाती है दुनिया मे प्यार की  
पूजा तोमर 

5 comments:

  1. बहुत खूब !
    प्यार की सच्चाई को ब्यान करती गज़ल

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  2. बेहतरीन ग़ज़ल| .......दिल से मुबारकबाद|

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  3. Umda rachna k Liye Badhai Sweekar Karen ............

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