Thursday, July 15, 2010

ऐसे है माँ के हाथ

ऐसे है माँ के हाथ,
बिन बोले जो बिन बोले जो समझ ले दिल की बात,
ऐसे है माँ के हाथ, .........

सब से पहले रब से पहले,
पाया जिसका एहसास मैंने,
जिसको पाकर पाया कुछ खास मैंने,
जिसके सपर्श के साथ बीते दिन और रात,
ऐसे है माँ के हाथ .........

देखा सबसे पहले जिसका चेहरा मैंने,
पाया जिसका प्यार गहरा मैंने,
जिसने मेरी हर गलती सुधारी,
जाग के अपनी रात गुजारी,
चाहे ख़ुशी हो, या हो गम,
हर पल रहे साथ,
ऐसे है माँ के हाथ.........


जिसके सहारे चलना सीखा,
गिरके मैंने संभालना सीखा,
जीवन में आगे बड़ना सीखा,
अच्छे-बुरे को समझना सीखा,
जिसने बनाया मुझे के अच्छा इंसान,
ऐसे है माँ के हाथ.........

जब मै थी बच्ची जब भी वो माँ थी,
आज बड़ी हो जब भी वो माँ है,
उस जैसे दूजी इंसा कहा है,
आज भी मेरे दुःख में रोये,
मेरे साथ जागे साथ ही सोये,
बदलेगी न वो कभी मेरे लिए,
मेरा हमेशा ध्यान हे रखते,
चाहे जो भी हो हालात,
ऐसे है माँ के हाथ.........

दुनिया की सबसे बड़ी दोलत,
सबसे जो है खुबसूरत,
जिससे कोई न अच्छा होगा,
दुनिया में हर खुसनसीब वो बच्चा होगा,
ये दोलत होगी जिसके पास,
ऐसे है माँ के हाथ.........

उसका कभी न दिल तुम दुखाना,
सेवा में उसके जीवन बिताना,
भगवान जी खुद तो आ नहीं पाते,
उसने अपने रूप में दे दी ये सोगात,
ऐसे है माँ के हाथ.........


पूजा तोमर

1 comment:

  1. माँ ऐसा शब्द है, जिसमे पूरी दुनिया और हर अच्छाई समायी है,
    माँ, मतलब सारे जहाँ की अच्छाई और प्यार किसी इंसान के रूप में सामने आ जाये,
    ये दुनिया के सबसे, अच्छी सच्ची प्यारी और शब्द नहीं मिल रहे बस वो सबसे कीमती है और उस जैसा कोई दूसरा नहीं हो सकता!!!

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