Thursday, July 22, 2010

मेरी सादगी

मेरी सादगी मेरी ख़ता बन गयी,
मेरी सच्चाई मेरी सजा बन गयी.........

लोगो के चेहरे कई होते है,
हर चहरे के पीछे कई धोखे है,
मैंने न बदला अपना चेहरा,
यही आदत मेरी तन्हाई की वजह बन गयी..........

लोग चेहरे से प्यार करते है,
लोग चेहरे पर मरते है,
मैंने दिल से किसी को चाहा,
बस यही बात मेरी रुसवाई कर गयी........

मेरे दिल मे था वही चेहरे से नज़र आता था,
मेरा चेहरा मेरा हाले दिल बताता था,
उसकी नज़रो को सब पता था,
पर एन मौके पर उसकी नज़रे बेवफाई कर गयी.........

मेरी सादगी मेरी ख़ता बन गयी,
मेरी सच्चाई मेरी सजा बन गयी.........

पूजा तोमर

2 comments:

  1. लोगो के चेहरे कई होते है,
    हर चहरे के पीछे कई धोखे है,
    उम्दा कहा है। इसी खयाल पर मैने भी कभी इक शैर कहा था-
    छल रहे है जो निरन्तर चहरे- दर चढा कर
    उन के चहरों से सभी चहरे हटना चाहता हू

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  2. आपसे बस इतनी सी विनती है की मुझे सुझाव देते रहे ताकि मैं अपनी गलती सुधार सको

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