Monday, July 19, 2010

वो सवाल हो तुम

जबाब जिसका नहीं वो सवाल हो तुम,
मैं जिसे भुला नहीं सकती वो ख्याल हो तुम...........

मुझसे मेरा मैं पूछता है,
दिल में बस यही सावल गूंजता है,
की उसमे ऐसा क्या है,
गम के सिवाये वो तुझे देता क्या है,
चुपके से दिल कहता है मेरा,
मैं कर नहीं सकती दोबारा,
वो प्यार हो तुम...........

रातें कटती है मेरी रोते-रोते,
दिन गुज़रता है यादो में खोते-खोते ,
जाने ये रोग कैसा लग गया है,
किस जाल में दिल फस गया है,
पाना चाहती हु मगर पा नहीं सकती,
कहना चाहती हो मगर कह नहीं सकती,
बस हर पर करती जिसका बेसब्री से,
वो इंतज़ार हो तुम...........

आज तो मेरे पास नहीं,
मेरी चाहत को तुझको एहसास नहीं,
तेरे दिल में मेरे लिए जज्बात नहीं,
मै तेरे लिए कुछ खास नहीं,
पर मै जिसके सहारे जीती हो,
वो ऐतबार हो तुम...............

मगर जो सामने मेरे हँसता है,
हर कौने मे दिल के बस्ता है,
कभी हवा कभी आंधी बनकर गुज़रता है,
वो ख़ुशी,वो हंसी,वो गम, वो तड़प,
वो प्यार, वो बेचनी, वो ख़ामोशी और
वो करार हो तुम.................

जबाब जिसका नहीं वो सवाल हो तुम,
मैं जिसे भुला नहीं सकती वो ख्याल हो तुम...........

पूजा तोमर

No comments:

Post a Comment